सच कहते है प्रेम अँधा होता है , शाह जहाँ ने अपनी तीसरी बीवी मुमताज की मृत्यु के बाद सफ़ेद ताजमहल बनाने के बाद अपने लिए भी बिलकुल वैसा ही काले ताज महल के निर्माण कराने का सोचा , परन्तु पहले ताज महल को बनवाने में ही आगरा का
वो प्रेम ही क्या जिसकी कोई कहानी न हो, वो प्रेम ही क्या जिसकी दास्ताँ युगो युगो तक चर्चा न होये , ऐसी ही एक और अमर प्रेम कहानी के सफर में हम आपको आज ले चलते है , ये प्रेम कहानी है पृथ्वीराज चौहान और राजकुमारी संयोगिता की। पृथ्वीराज
सच कहते है प्रेम अँधा होता है , शाह जहाँ ने अपनी तीसरी बीवी मुमताज की मृत्यु के बाद सफ़ेद ताजमहल बनाने के बाद अपने लिए भी बिलकुल वैसा ही काले ताज महल के निर्माण कराने का सोचा , परन्तु पहले ताज महल को बनवाने में ही आगरा का
वो प्रेम ही क्या जिसकी कोई कहानी न हो, वो प्रेम ही क्या जिसकी दास्ताँ युगो युगो तक चर्चा न होये , ऐसी ही एक और अमर प्रेम कहानी के सफर में हम आपको आज ले चलते है , ये प्रेम कहानी है पृथ्वीराज चौहान और राजकुमारी संयोगिता की। पृथ्वीराज
अमर प्रेम कहानी – शाहजहां और मुमताज दुनिया में जब भी प्रेम कहानी का जिक्र होता है तो शाहजहां मुमताज की प्रेम कहानी के बैगैर पूरा नहीं होता है , पूरी दुनिआ को प्यार की मिसाल के तौर पर ताजमहल जैसी सौगात
अमर प्रेम कहानी – शाहजहां और मुमताज दुनिया में जब भी प्रेम कहानी का जिक्र होता है तो शाहजहां मुमताज की प्रेम कहानी के बैगैर पूरा नहीं होता है , पूरी दुनिआ को प्यार की मिसाल के तौर पर ताजमहल जैसी सौगात
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